1- सादगी, तर्कसंगतता और व्यवहारिकता:इस्लाम सरल और स्पष्ट विश्वासों पर ज़ोर देता है, जैसे कि एक ईश्वर (अल्लाह) में विश्वास, मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की पैग़म्बरी, और मृत्यु के बाद की ज़िंदगी — ये सभी बातें तर्क और समझदारी पर आधारित हैं। इस्लाम में ईमान, तर्क और धर्म के बीच संबंध जोड़ता है। इसकी शिक्षाएं जटिलताओं से मुक्त हैं — न कोई धर्मगुरु की श्रृंखला, न अमूर्त विचार, न ही कठिन अनुष्ठान। इस्लाम सीधे तौर पर कुरआन से जुड़ने, सोच-विचार करने, और ज्ञान की तलाश को प्रोत्साहित करता है।