एक ऐसी दुनिया में जहाँ सामाजिक दबाव और लगातार प्रतिस्पर्धा हावी है, बहुत से लोग मानते हैं कि महानता दिखावे और ऊँचे दर्जे को पाने में है। लेकिन इस्लाम में, सच्ची महानता विनम्रता और दया में निहित है।
इस्लाम विनम्रता को सबसे ऊँचे गुणों में से एक मानता है, और यह सिखाता है कि मोमिन (विश्वासी) दूसरों के साथ नम्रता, शालीनता और सम्मान से पेश आए। यह हमें सिखाता है कि ज़िंदगी को उसके दिखावे, धन या सामाजिक स्थिति से नहीं, बल्कि दिल की पवित्रता और चरित्र की महानता से आंका जाता है।