इस्लाम में, परिवार सिर्फ़ एक सामाजिक इकाई नहीं है, बल्कि यह भावनात्मक और आध्यात्मिक स्थिरता की बुनियाद है — एक पवित्र आधार जिस पर एक मज़बूत, संगठित और सौहार्दपूर्ण समाज की नींव रखी जाती है।इस्लाम हमें सिखाता है कि परिवार के भीतर एक-दूसरे से कैसे प्रेम किया जाए, कैसे इज़्ज़त और सम्मान दिया जाए। यह दिखाता है कि पति-पत्नी, माता-पिता और बच्चों के बीच के रिश्ते रहमत (दया), मोहब्बत और आपसी सम्मान पर आधारित होने चाहिए।